रात्रिकालीन चिकित्सा सेवाएँ ठप, बदहाल सुविधाओं से जूझ रहे मरीज व विद्यार्थी
रात्रिकालीन चिकित्सा सुविधाओं से वंचित आम नागरिक
केकड़ी । शहर के अजमेरी गेट स्थित होम्योपैथिक चिकित्सालय की नई बिल्डिंग अजमेर रोड पर पूरी तरह तैयार होने के बावजूद भी अस्पताल अभी तक पुरानी, जर्जर इमारत में ही संचालित किया जा रहा है। इसी जीर्ण-शीर्ण परिसर में यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ होम्योपैथी भी चल रहा है, जहां मरम्मत व रखरखाव की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

टॉयलेट की हालत दयनीय, महिला विद्यार्थियों को असुविधा
परिसर में स्थित शौचालय अत्यंत खराब स्थिति में हैं। पुरुष शौचालय खंडहर में बदल चुका है, जहां बदबू और गंदगी देख साफ लगता है कि ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं।
महिला शौचालय के दरवाजे पर चटखनी तक नहीं लगी है, जिससे कॉलेज की छात्राओं को टॉयलेट जाते समय किसी साथी छात्रा को बाहर खड़ा करना पड़ता है, ताकि कोई अचानक दरवाज़ा न खोल दे।

लेकिन वास्तविक स्थिति यह है कि शाम 3–4 बजे के बाद ही मुख्य गेट पर ताला लगा दिया जाता है, जबकि कागजों में डॉक्टरों और नर्सिंग कर्मियों की नाइट ड्यूटी दर्शाई जाती है।
इस कारण आम नागरिक रात्रिकालीन चिकित्सा सुविधा से वंचित रहते हैं और मजबूरी में जिला चिकित्सालय (अजमेर रोड) का रुख करना पड़ता है।
आयुर्वेदिक चिकित्सालय को अलॉटमेंट का इंतजार
इस परिसर में आयुर्वेदिक चिकित्सालय के लिए भी तीन कमरे स्वीकृत थे, जिनकी लिखित मांग कई बार की जा चुकी है।
प्राचार्य का कहना है कि “यदि हमें तीन कमरे दे दिए जाएं तो हमारे पास उपलब्ध मरम्मत बजट से हम परिसर में व्यापक सुधार करवा सकते हैं। लेकिन अलॉटमेंट न मिलने पर यह बजट लैप्स हो जाएगा, जिससे विभाग को नुकसान होगा।”
नई बिल्डिंग होते हुए भी पुरानी में संचालन का प्रश्न-अजमेर रोड पर होम्योपैथिक चिकित्सालय की नई बिल्डिंग निर्माण पूर्ण होकर तैयार है, फिर भी अस्पताल को वहाँ स्थानांतरित नहीं किया जा रहा है। इससे पुराने परिसर की बदहाली और बढ़ गई है।
