केकड़ी।अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ राजस्थान (उच्च शिक्षा) की स्थानीय इकाई राजकीय महाविद्यालय केकड़ी में आज नीति से परिवर्तन तक विषय पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत एक व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री अनिल जी गुप्ता ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह नीति डॉ कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में “सा विद्या या विमुक्तये” के ध्येय वाक्य के साथ तैयार की गई है,

जिसका उद्देश्य शिक्षा में भारतीयता का समावेश, संस्कृति का संरक्षण तथा ज्ञान का लोककल्याण हेतु उपयोग सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि यह नीति तार्किकता पर आधारित है, जो युवाओं में आत्मविश्वास जगाकर उन्हें चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम बनाती है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (ABRSM) के जिला संयोजक प्रो. लीलाधर सोनी ने कहा कि तकनीकी प्रगति ने शिक्षा पद्धति में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। Academic Bank of Credit (ABC) की अवधारणा, एक साथ दो डिग्रियाँ प्राप्त करने की सुविधा, तथा Multiple Entry – Multiple Exit प्रणाली शिक्षा को अधिक विद्यार्थी-केंद्रित बनाती है, हालांकि इन प्रावधानों का पूर्ण क्रियान्वयन अभी शेष है। प्राचार्य चेतन लाल रैगर उद्बोधन में अपने अध्यक्ष उद्बोधन में बताया कि नई शिक्षा नीति में कौशल विकास और अंतर- विषयक शिक्षा की आवश्यकता पर बल दिया गया है जिससे विद्यार्थी न केवल अकादमिक रूप से बल्कि व्यावसायिक एवं सामाजिक रूप से भी सक्षम बन सकें। कार्यक्रम का संचालन डॉ नीता चौहान तथा धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती ज्योति मीना ने किया। कार्यक्रम में प्रो. राजेश नरूका, डॉ शिखा माथुर, मनोज कुमार धाकड़, अधिराज सिंह जोधा, तनु बसवाल हंसराज मीणा संकाय सदस्य उपस्थित रहे।