ग्राम पंचायत मेवदा कलां में फैक्ट्री बना ‘काले पानी’ का कारण, ग्रामीणों ने उठाई आवाज

केकड़ी, केकड़ी विधानसभा क्षेत्र – ग्राम पंचायत मेवदा कलां के निवासियों ने इलाके में स्थित मित्तल सरसों तेल फैक्ट्री के खिलाफ उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए गंभीर पर्यावरणीय और स्वास्थ्य समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है। ग्रामीणों का आरोप है कि फैक्ट्री से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी और धुआं उनके जीवन, पशुधन और खेती के लिए विनाशकारी बन चुका है।

ज्ञापन में बताया गया है कि यह फैक्ट्री ग्राम पंचायत मेवदा कलां की भूमि पर स्थित है और सरसों के तेल निर्माण में इस्तेमाल होने वाले रसायन फैक्ट्री से निकलकर सीधे खेतों, तालाबों और कुओं में पहुंच रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार, इस जहरीले पानी से न केवल फसलें बर्बाद हो रही हैं बल्कि मवेशी भी बीमार होकर मर रहे हैं। साथ ही, तालाब में स्नान करने से ग्रामीणों में गंभीर बीमारियां फैल रही हैं।

फैक्ट्री से निकलने वाला धुआं भी लोगों की सांसों पर असर डाल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार इस समस्या को लेकर प्रशासन और फैक्ट्री मालिक से संपर्क किया, लेकिन राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर मामले को दबा दिया गया।

“पानी ज़हर बनता जा रहा है और पर्यावरण के साथ खुला खिलवाड़ हो रहा है,” ग्रामीणों ने ज्ञापन में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द ही इस फैक्ट्री से निकलने वाले रासायनिक अपशिष्ट और धुएं की निकासी पर रोक नहीं लगाई गई, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इसमें सड़क जाम से लेकर फैक्ट्री बंद कराने तक के कदम उठाए जाएंगे।

ग्रामीणों ने यह भी कहा कि फैक्ट्री अब केवल एक उद्योग नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए जनजीवन और पर्यावरण पर सीधा संकट बन चुकी है। उपजाऊ जमीन बंजर हो रही है, जलाशयों का पानी दूषित हो चुका है और पेयजल संकट गहराता जा रहा है।

समस्त ग्राम पंचायत मेवदा कलां के लोगों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है ताकि क्षेत्र में फैल रहे इस जहरीले खतरे को रोका जा सके और ग्रामवासियों को राहत मिल सके।

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