केकड़ी जिला हटाना भजनलाल सरकार का दुर्भाग्यपूर्ण फैसला–राठौड़

अधिवक्ताओं का जिला बचाओ आंदोलन के तहत कोर्ट परिसर में धरना जारी

केकड़ी।केकड़ी जिले का दर्जा रद्द करने से आक्रोशित अधिवक्ताओं का केकड़ी न्यायालय परिसर में धरना प्रदर्शन जारी है। शनिवार को अवकाश के दिन भी अधिवक्ताओं ने न्यायालय परिसर पहुंचकर धरना दिया तथा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए केकड़ी को फिर से जिले का दर्जा देने की मांग की। इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि सरकार ने दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय लेते हुए केकड़ी जिले को हटाया है। उन्होंने कहा कि जिले का पूरा ढांचा तैयार हो चुका था, जब जिला अपने पूर्ण अस्तित्व में आ रहा था, तभी सरकार ने इसे समाप्त कर दिया।

इस मौके पर अधिवक्ता लोकेश शर्मा ने कहा कि इस फैसले से सरकार को बड़ा नुकसान होगा, जनता सरकार से जवाब मांग रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर केकड़ी जिला बहाल नहीं किया गया, तो आने वाले समय में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

पूर्व बार अध्यक्ष चेतन धाभाई ने कहा कि जिला बनाने का निर्णय तीन कमेटियों के विश्लेषण के बाद रामलुभाया कमेटी ने लिया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक राजस्थान सरकार जिले को लेकर सकारात्मक निर्णय नहीं लेती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

बार अध्यक्ष मनोज आहूजा ने कहा कि सभी मापदंडों में परिपूर्ण केकड़ी शुरू से ही जिला बनने की क्षमता थी, लेकिन नियति का खेल ऐसा चला कि केकड़ी से भी छोटे और अविकसित क्षेत्र को जिले का दर्जा मिल गया, लेकिन केकड़ी से जिले का दर्जा छीन लिया गया जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

धरना प्रदर्शन के दौरान बार अध्यक्ष मनोज आहूजा, वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह, चेतन धाभाई, हेमंत जैन, लोकेश शर्मा, रविशंकर पवार, रहीम गौरी, रामावतार मीणा, नरेंद्र जैन, द्वारका प्रसाद पंचोली, मुकेश धवलपुरिया, रमाकांत दाधीच, विनोद साटीवाल आदि मौजूद थे।

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