केकड़ी/सरवाड़। विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SIR) कार्यक्रम में सरवाड़ तहसील को समय से पूर्व शत-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण कराने में तहसीलदार बंटी राजपूत ने अपने कुशल नेतृत्व, अनुशासित कार्यशैली और टीम समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। इस उपलब्धि ने पूरे राजस्थान में सरवाड़ तहसील का नाम प्रमुखता से दर्ज कराया है।

कुशल योजना और मजबूत टीम प्रबंधन बना सफलता का आधार
तहसीलदार बंटी राजपूत ने कार्य प्रारंभ होते ही सुनियोजित रणनीति तैयार की, जिसमें BLOs के सहयोग हेतु BLO सहायक, पटवारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और राजीविका टीम को सक्रिय रूप से जोड़ा गया। राजपूत ने टीम को यह भरोसा दिलाया कि यह कार्य किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि सभी का सामूहिक दायित्व है।
सुपरवाइजरों की भूमिका रही मजबूत कड़ी
प्रतिदिन सुबह 8 बजे होने वाली VC में सुपरवाइजर अपनी कार्ययोजना प्रस्तुत करते और तहसीलदार से आवश्यक निर्देश प्राप्त करते थे।
इसके बाद सुबह 9 बजे से सुपरवाइजर स्वयं फील्ड में BLO के साथ मौजूद रहते, जिससे कार्य की रफ्तार बनी रही और किसी भी स्तर पर रुकावट नहीं आई।

मैदान में सक्रिय नेतृत्व—ऊर्जा बनी प्रेरणा
तहसीलदार महोदय प्रतिदिन 10 बजे अपनी टीम के साथ फील्ड में पहुँचकर BLOs और कर्मियों को प्रोत्साहित करते। उनकी कार्यशैली इतनी तेज, सक्रिय और प्रेरक थी कि
“जब वे अजगरी-86 में घर–घर संपर्क कर रहे होते, उतनी ही देर में टीम सुपंदा-104 तक पहुँच चुकी होती।”
यह मैदान में उनकी अद्भुत पकड़ और कार्य प्रणाली का स्पष्ट उदाहरण माना गया।
सरल, विनम्र और जुझारू व्यक्तित्व ने जीता सबका सम्मान
बंटी राजपूत के सरल, जुझारू, विनम्र और निष्ठावान व्यक्तित्व ने पूरी टीम का मन जीता। परिणामस्वरूप सभी कर्मचारी अपने अधिकारी के सम्मान में और अधिक समर्पण के साथ कार्य में जुट गए, जिससे SIR कार्य की गति में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई।

एकाधिक दायित्वों के बावजूद शत-प्रतिशत परिणाम
राजपूत पर सहायक निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, तहसीलदार केकड़ी एवं तहसीलदार सरवाड़ का दायित्व भी समान रूप से था, जिसे उन्होंने उच्च गुणवत्ता और पूर्ण निष्ठा के साथ निभाया। किसी भी कार्य में ढिलाई न आने देना उनकी कार्यशैली की विशेषता रही।
रात्रि चौपाल ने बढ़ाया विश्वास—भील बस्ती से गांवों तक पहुँची टीम
राष्ट्रीय महत्व के इस कार्य को पूर्णता देने के लिए तहसीलदार बंटी राजपूत ने रात्रि चौपाल, भील बस्तियों, गांवों और दूरस्थ बूथों का लगातार दौरा किया।
टीम हर स्थान पर मौजूद रही—चाहे वह सरवाड़ की भील बस्ती हो या गांव का कोई छोटा बूथ।
इससे मतदाताओं में जागरूकता बढ़ी और निर्वाचन प्रक्रिया के प्रति विश्वास भी मजबूत हुआ।
समय से पूर्व शत-प्रतिशत लक्ष्य पूरा—तहसीलदार राजपूत की कार्यशैली बनी मिसाल
लगातार मेहनत, फील्ड में मौजूदगी, टीमवर्क और कुशल नेतृत्व के परिणामस्वरूप SIR कार्य समय से पहले शत-प्रतिशत संपन्न हुआ।
यह उपलब्धि सरवाड़ तहसील की ही नहीं, बल्कि पूरी प्रशासनिक व्यवस्था के लिए प्रेरणादायी उदाहरण मानी जा रही है।
