गोपा अष्टमी पर बढ़ते कदम गौशाला में हुआ गौपूजन आयोजन, संतों के सानिध्य में गोमाताओं की आरती व परिक्रमा

गोपा अष्टमी के पावन पर्व पर बढ़ते कदम गौशाला में गौपूजन का आयोजन किया गया। रामस्नेही संप्रदाय के रामद्वारा अहमदाबाद के संत कीमतराम,संयमराम, तिलक राम के सानिध्य में दीप प्रज्जवलित कर गाय और उसके बछड़ों को सजाया गया। इसके बाद रोली और चंदन से तिलक लगाकर उन्हें फूल, फल, धूपबत्ती आदि अर्पित कर उनकी पूजा की । गाय की पूजा के बाद ग्वालों को यथाशक्ति दक्षिणा एवं वस्त्र देकर उनका सम्मान किया । फिर गायों को उनका प्रिय हरा चारा और प्रसाद, लपसी खिलाकर, उनकी परिक्रमा लगाई।

बढ़ते कदम गौशाला के व्यवस्था प्रमुख आनंदीराम सोमानी, राजकीय पशु चिकित्सालय के वरिष्ट पशु धन प्रचारक अधिकारी रामसिंह चौधरी,अमित गर्ग,राकेश तोषनीवाल, राजेन्द्र बियानी, भगवान शाक्य,पूजा गर्ग गोमाता गायों का पूजन-आरती कर परिक्रमा लगाकर कष्ट निवारण की प्रार्थना की गई। गौ माताओं को लपसी और हरा चारा खिलाया एवं गोशाला में अपनी सेवा दी ।
रामस्नेही संत कीमत राम महाराज ने बताया कि गो माता की पूजा करने से जीवन से नकारात्मकता दूर होकर सकारात्मकता का संचार होता है। गोपा अष्टमी के दिन भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना से शांति, समृद्धि और धन संपदा का आगमन होता है।
हिंदू सनातन संस्कृति में गाय सदा से पूजनीय रही है। मान्यता है कि गाय में 33 कोटि देवताओं का वास होता है, इसलिए गो पूजन से सभी देवता प्रसन्न होते हैं। गाय का सान्निध्य सकारात्मक सोच को विकसित करता है और अवसाद से मुक्ति प्रदान करता है। गाय को पूजनीय मानने का आधार पूर्णतः वैज्ञानिक है। गाय के दूध, गोमूत्र और गाय के गोबर अपने चिकित्सीय गुणों के कारण आयुर्वेद चिकित्सा में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इसीलिए इसकी रक्षा और पूजा का विधान तर्कसंगत और वैज्ञानिक है।

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