राजकीय आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालय एवं राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय, केकड़ी में 10वाँ आयुर्वेद दिवस-2025 बड़े ही उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विविध प्रतियोगिताओं, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों तथा नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया, जिनमें विद्यार्थियों एवं आमजन ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ अजमेरी गेट स्थित राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय, केकड़ी में विधिवत धन्वन्तरि पूजन से हुआ। इसके पश्चात डाबर प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से नि:शुल्क आरोग्य शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों रोगियों ने परामर्श व उपचार का लाभ लिया।

महाविद्यालय परिसर में इस वर्ष की थीम “आयुर्वेद सर्वजन सामान्य के लिए तथा पृथ्वी के कल्याण हेतु” पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं। इनमें रंगोली प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, श्लोक गायन, पोस्टर प्रदर्शनी, पंचमहाभूत निरूपण नृत्य तथा जूडो-कराटे-मार्शल आर्ट्स (प्रशिक्षक श्री निलेश नामा द्वारा) की आत्मरक्षा तकनीक का प्रभावशाली प्रदर्शन मुख्य आकर्षण रहा।
विजेता प्रतिभागी
• वाद-विवाद प्रतियोगिता – कशिश शर्मा
• श्लोक गायन – मुस्कान
• पोस्टर प्रतियोगिता – माहि
• रंगोली प्रतियोगिता – संजु, आरजू, भावेश, अंकित, आशा
• पंचमहाभूत निरूपण नृत्य – जिविधा, खुशबू, मिस्बाह, सना, मीनल सुथार, मधु, मिलन, मुनेश
मंच संचालन
वंशिका, आयुषी, काशिश एवं रक्षिता तंवर द्वारा किया गया।
श्रेष्ठ पुरस्कार
• बेस्ट डॉक्टर (चिकित्सालय): डॉ. रंजना जैन
• बेस्ट कंपाउण्डर (चिकित्सालय): मनोज टेलर
• बेस्ट टीचर (BAMS): श्रीमती मुक्ता शर्मा
• बेस्ट टीचर (BNYS): लोकेश कुमार धाकड़
• बेस्ट कर्मचारी (महाविद्यालय): धर्मराज कहार
• बेस्ट पंचकर्म सहायक: दीपेश कुमार यादव, साक्षी साहू, निशा सेन
• प्रथम स्थान (BAMS): जीविधा माली
• प्रथम स्थान (BNYS): लक्षिता सिंह
विशेष रूप से पंचमहाभूत निरूपण नृत्य इतना प्रभावशाली और मनमोहक रहा कि दर्शकों ने देर तक तालियों की गड़गड़ाहट से इसकी सराहना की।
सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहन स्वरूप प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
प्रेरणादायी उद्बोधन
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. गिरिराज साहू ने अपने संबोधन में कहा कि – “आयुर्वेद केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि संपूर्ण पृथ्वी के कल्याण का पथप्रदर्शक है। औषधीय पादपों का संरक्षण व संवर्धन, प्रदूषण मुक्त पर्यावरण और प्राकृतिक जीवनशैली ही उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु और सुखमय जीवन का आधार है।”
आयुर्वेद दिवस के समन्वयक डॉ. दुर्गाप्रसाद रैगर एवं डॉ. लोकेश शर्मा ने अपने उद्बोधन में आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा के वैज्ञानिक सिद्धांतों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
इस अवसर पर श्री महेश बोयत तथा श्री मोनू पायक (लेखाधिकारी) द्वारा अल्पाहार की व्यवस्था की गई। कार्यक्रम में डॉ. नेहा चौहान, डॉ. चम्पालाल सोलंकी, डॉ. संजय कुमार बंसल, डॉ. अर्चना वर्मा, डॉ. अमित कुमार सहित नर्सिंग स्टाफ एवं संविदा कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
महाविद्यालय प्रशासन ने सभी विजेताओं एवं प्रतिभागियों की प्रतिभा, लगन और उत्साह की सराहना करते हुए भविष्य में भी इसी प्रकार की सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।
