शिव मंदिर कृष्ण नगर, केकड़ी में शस्त्र धारा पूजा एवं प्रसाद वितरण कार्यक्रम भक्ति भाव से संपन्न
गद्दीपति पूजा किन्नर द्वारा करवाया गया आयोजन, बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की रही उपस्थिति
केकड़ी (अजमेर), 23 जुलाई— केकड़ी के कृष्ण नगर स्थित शिव मंदिर में आज एक भव्य धार्मिक आयोजन के अंतर्गत भगवान भोलेनाथ की शस्त्र धारा पूजा विधिवत रूप से सम्पन्न कराई गई। इस अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण का आयोजन भी किया गया, जिसमें भक्तों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

इस विशेष धार्मिक आयोजन की आयोजक रहीं गद्दीपति पूजा किन्नर,जो केकड़ी क्षेत्र में अपनी सामाजिक सेवा और धार्मिक गतिविधियों के लिए विशेष रूप से जानी जाती हैं। पूजा किन्नर का यह प्रयास न केवल एक धार्मिक आयोजन था, बल्कि समाज में आस्था, एकता और सेवा का संदेश भी देता नजर आया।

शस्त्र धारा: भगवान शिव के दिव्य आयुधों की आराधना-इस आयोजन में भगवान शिव के दिव्य शस्त्रों की पूजा की गई, जिसे ‘शस्त्र धारा’ कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शस्त्र धारा पूजा से जीवन में रक्षा, बल, साहस और संयम की प्राप्ति होती है। पूजा विधि के तहत रुद्राभिषेक, मंत्रोच्चार, और शिवशक्ति के शस्त्रों की विशेष आराधना की गई। श्रद्धालु शिवभक्ति में लीन दिखे और मंदिर परिसर “हर हर महादेव” के जयघोषों से गूंज उठा।

पूजा किन्नर की भूमिका रही केंद्र में-: इस आयोजन की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि इसे गद्दीपति पूजा किन्नर द्वारा पूरी श्रद्धा व भक्ति भाव से संपन्न कराया गया। पूजा किन्नर न सिर्फ किन्नर समाज की एक प्रतिष्ठित धार्मिक अगुवा हैं, बल्कि वे समय-समय पर क्षेत्र में धार्मिक, सामाजिक एवं सेवा कार्यों में आगे रहकर उदाहरण प्रस्तुत करती रही हैं।
स्थानीय नागरिकों के अनुसार,”पूजा किन्नर समाज को जोड़ने वाली शक्ति हैं। वे हर त्यौहार, पूजा-पाठ और ज़रूरतमंदों की मदद में सबसे आगे रहती हैं।”उनके द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम क्षेत्रवासियों के लिए एक आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बन गया।

भक्तों के लिए भव्य प्रसाद वितरण-: पूजा उपरांत श्रद्धालुओं को विधिवत रूप से भव्य प्रसाद वितरित किया गया। पुरुष, महिलाएं, बुजुर्ग व बच्चे सभी बड़ी श्रद्धा से इस आयोजन में शामिल हुए। प्रसाद वितरण व्यवस्था में पूजा किन्नर की टीम और स्थानीय भक्तगणों ने सक्रिय भूमिका निभाई।
स्थानीय समिति और समाज का योगदान-: इस आयोजन को सफल बनाने में स्थानीय मंदिर समिति, स्वयंसेवकों और श्रद्धालुओं का सहयोग भी सराहनीय रहा। पूरे कार्यक्रम में शांति, व्यवस्था और श्रद्धा का विशेष माहौल देखने को मिला।
पूजा उपरांत श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया, जिसमें बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं ने श्रद्धापूर्वक भाग लिया। आयोजन को सफल बनाने में स्थानीय समिति और श्रद्धालुओं का विशेष योगदान रहा।