केकड़ी | जिला परिषद अजमेर एवं फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्युरिटी (FES) के संयुक्त तत्वावधान में केकड़ी पंचायत समिति सभागार में शामलात संसाधनों के पुनः वनस्पतिकरण (री-वेजिटेशन) हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में चारागाह भूमि के संरक्षण एवं सुधार हेतु जागरूकता फैलाना और स्थानीय सहभागिता को प्रोत्साहित करना था। प्रशिक्षण सत्र में संस्था से सांवर लाल जाट ने प्रशिक्षण के उद्देश्य, महत्व एवं मानसून के दौरान किए जाने वाले घास बीज और पौधारोपण की जानकारी दी। उन्होंने चारागाह विकास हेतु “चार गोल्डन नियम” — सही प्रजाति, सही स्थान, सही समय एवं सही विधि — पर विशेष बल दिया। इसके अलावा, चारागाह विकास समिति के सदस्यों की जिम्मेदारियों एवं वनस्पतिक बीज संग्रहण की प्रक्रिया पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में गणपत लाल प्रजापति ने “1+3 विधि” से पौधारोपण की तकनीक पर विस्तार से जानकारी दी और इसके पर्यावरणीय लाभों पर चर्चा की।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रधान होनहार सिंह राठौड़,सहायक विकास अधिकारी, AEN, JTA, VDO, LDC, सरपंचगण एवं अन्य ग्रामीण प्रतिनिधियों सहित कुल 25 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक चारागाहों के संरक्षण एवं विकास को लेकर एक सकारात्मक पहल हुई, जो आने वाले समय में सतत् ग्रामीण विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।