मेवदाकला (केकड़ी)। श्रीरामधाम संत सेवा आश्रम, चौसला कॉलोनी मेवदाकला में 19 अप्रैल से 25 अप्रैल 2025 तक सात दिवसीय नवकुण्डीय गोपुष्टि महायज्ञ, श्रीमद् भागवत कथा, मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा और धार्मिक उत्सवों का आयोजन बड़े धूमधाम से किया जाएगा। आयोजन को लेकर आश्रम परिसर में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें संत सेवा आश्रम से जुड़े धर्मप्रेमियों ने भाग लिया। बैठक में समस्त कार्यक्रमों की रूपरेखा पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ।
महंत रघुवीर दास महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि 19 अप्रैल को कलश यात्रा, मूर्तियों का नगर भ्रमण, मंडप प्रवेश, पंचांग पूजन, ब्राह्मण वरण तथा श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ होगा। 20 अप्रैल को अरणीमंथन, अग्नि स्थापना, नवग्रह पूजन और मूर्तियों के संस्कार प्रारंभ किए जाएंगे, जबकि 25 अप्रैल को हवन, मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा, पूर्णाहुति, संत प्रवचन, विशाल भंडारा एवं संत विदाई जैसे विविध धार्मिक अनुष्ठानों के साथ आयोजन का समापन होगा।

आयोजन के दौरान प्रतिदिन श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का वाचन अयोध्या पीठाधीश्वर महंत राघव दास महाराज द्वारा किया जाएगा। वहीं, 20 से 22 अप्रैल के मध्य दोपहर 3:15 बजे ‘नानी बाई रो मायरो’ कथा का रसपान अवधेश दास महाराज द्वारा कराया जाएगा।
यज्ञाचार्य पंडित राधा शरण शर्मा ने बताया कि यह नवकुण्डीय गोपुष्टि महायज्ञ क्षेत्र में गौ संरक्षण और उनके स्वास्थ्य की पुष्टि के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। गोपोषण के लिए यज्ञ की पौराणिक विधियों के माध्यम से आध्यात्मिक और प्राकृतिक उपचार भी सुनिश्चित होगा।
इस आयोजन में ध्यान योगी उत्तम स्वामी महाराज (बांसवाड़ा), ध्रुव दास महाराज (सूरत), सुखराम दास महाराज (चित्रकूट), डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया (संस्थापक अध्यक्ष, अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद) जैसे अति विशिष्ट संत शामिल होंगे। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, केकड़ी विधायक शत्रुघ्न गौतम, और राष्ट्रीय हिंदू परिषद के चंद्र सिंह जैन मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होंगे।
महंत रघुवीर दास महाराज ने यज्ञ की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यज्ञ वातावरण को शुद्ध करने, आध्यात्मिक उन्नति और स्वास्थ्य लाभ के लिए अत्यंत प्रभावी साधन है। उन्होंने इसे यज्ञ चिकित्सा बताते हुए कहा कि औषधीय पदार्थों की अग्नि में आहुतियां देने से उत्पन्न धुआं शरीर में प्रवेश कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को सशक्त बनाता है, जो एलोपैथी चिकित्सा की तुलना में कहीं अधिक प्रभावशाली सिद्ध हो सकता है।
यज्ञाचार्य राधा शरण शास्त्री ने बताया कि गोपुष्टि महायज्ञ के माध्यम से क्षेत्र में गोवंश को रोगमुक्त रखने, उन्हें पोषणयुक्त आहार उपलब्ध कराने और गौसेवा की भावना को जनमानस में जाग्रत करने का प्रयास किया जा रहा है।