श्री क्षत्रिय युवक संघ के आनुषंगिक संगठन श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन का सातवां स्थापना दिवस केकड़ी स्थित जगदम्बा छात्रावास में मनाया

इस बार “क्षात्र धर्म और भारतीय संविधान” विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का प्रारंभ पूज्य श्री तन सिंह जी के चित्र के समक्ष पूजा अर्चना और मंगलाचरण से हुआ।

केकड़ी l श्री क्षत्रिय युवक संघ के आनुषंगिक संगठन श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन का सातवां स्थापना दिवस केकड़ी स्थित जगदम्बा छात्रावास में मनाया गया। इस बार “क्षात्र धर्म और भारतीय संविधान” विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का प्रारंभ पूज्य श्री तन सिंह जी के चित्र के समक्ष पूजा अर्चना और मंगलाचरण से हुआ।
इसके बाद फाउंडेशन के देशराज सिंह लिसाड़ीया द्वारा संविधान की प्रस्तावना के सभी बिंदुओं पर विस्तार से बात की गई।
संविधान की प्रस्तावना के मुख्य बिंदु संपूर्ण प्रभुत्व संपन्नता,समाजवाद,पंथनिरपेक्षता,
लोकतंत्र,गणराज्य,विचार उपासना और विश्वास की स्वतंत्रता,योग्यता के आधार पर अवसर,जीवन की गरिमा,राष्ट्र की एकता और अखंडता आदि है। हमारे पूर्वजों के जीवन मूल्य और भारत के संविधान के बहुत समानता है। अनेक उदाहरणों द्वारा पूरे विषय को समझाया गया।


क्षत्रिय युवक संघ वर्षों से संस्कार निर्माण के कार्य में लगा हुआ है। समाज की अपेक्षाओं को देखते हुए श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन जैसे कई आनुषंगिक संगठनों का गठन किया गया है। फाउंडेशन सकारात्मक सामाजिक भाव वाले युवाओं का संयोजन कर उन्हें समाज कार्य में संलग्न करना चाहता है।
सामाजिक भाव वाले बंधु सक्रिय होकर कार्य करें इस हेतु फाउंडेशन बैठक,सभा,कार्यशाला, भ्रमण, गोष्ठी इत्यादि कार्यक्रमों का आयोजन करवाता है।


संगठन स्थापना के बाद से ही युवाओं के बीच अच्छा कार्य कर रहा है इस कार्य को और अधिक गति देने की आवश्यकता है साथ ही क्षात्र पुरूषार्थ फाउंडेशन में कार्य करने वाले युवाओं को क्षत्रिय युवक संघ से परिचित करवाना भी अति आवश्यक है। हमें श्री क्षत्रिय युवक संघ के नियमों का अक्षरशः पालन करना चाहिए तभी हम संस्कारित समाज और राष्ट्र का निर्माण कर पाएंगे। वर्तमान समय में पूज्य श्री तन सिंह जी के साहित्य को पढ़ना आवश्यक है यह साहित्य ही हमें राष्ट्र निर्माण के कार्य में हमारा मार्गदर्शन करेगा। आदित्य सिंह खरवड़ द्वारा पिछले वर्ष किये गए कार्यो की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई व आगामी वर्ष में करणीय कार्यो की योजना बनाकर जिम्मेदारी दी गई।
कार्यक्रम में श्री पृथ्वी सिंह सापुंदा, महेंद्र सिंह ढोस, बहादुर सिंह पिपलाज, दशरथ सिंह भराई, चंद्रवीर सिंह चौसला, शिवराज सिंह प्रान्हेड़ा, रविन्द्र सिंह पिपलाज, पुष्पेन्द्र सिंह सावर,भरत सिंह सापुंदा, ललित सिंह खरवड़, शक्ति सिंह हरपुरा, देवेंद्र सिंह जी हरपुरा,भूपेंद्र सिंह सांपुण्दा, विक्रम सिंह नयावास, विजय सिंह तोमर, यज्ञनारायण सिंह चौसला, सूर्यप्रताप सिंह राणावत, सम्पत सिंह सोल सदस्य उपस्थित रहे।
इस प्रकार के कार्यक्रम प्रदेश भर में 40 से अधिक स्थानों पर मनाए गए।

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