केकड़ी।
बार एसोसिएशन केकड़ी द्वारा जिले के दर्जे की वापसी की मांग को लेकर जारी आंदोलन मंलगवार को भी जारी रहा। तीन जनवरी से शुरू हुए इस धरने के तहत कोर्ट परिसर में वकील प्रतिदिन सांकेतिक धरना दे रहे हैं। वकील न्यायिक कार्यों का दो घंटे बहिष्कार करते हुए धरने पर बैठते हैं, जिससे सुबह के न्यायिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
हालांकि, दोपहर बाद वकील अपने कार्यों में जुट जाते हैं और मुवक्किलों को न्याय दिलाने के लिए पूरी मुस्तैदी से प्रयास करते हैं। धरने के दौरान वक्ताओं ने राज्य सरकार के “सबका साथ, सबका विकास” नारे की कड़ी आलोचना करते हुए इसे महज एक राजनीतिक लॉलीपॉप करार दिया।
उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि डीग और केकड़ी के लिए दोहरे मापदंड क्यों अपनाए गए। डीग को मुख्यमंत्री का क्षेत्र होने के कारण जिला बनाए रखा गया, जबकि केकड़ी का जिला दर्जा छीन लिया गया।कोर्ट परिसर में धरना स्थल पर मंगलवार को राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। वक्ताओं ने सरकार को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द ही केकड़ी को जिला दर्जा वापस नहीं दिया गया, तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा।
बार एसोसिएशन के नेताओं ने सरकार पर राजनीतिक द्वेष के आधार पर केकड़ी जिले का दर्जा समाप्त करने का आरोप लगाया। वक्ताओं ने कहा कि सरकार के इस फैसले से जनता में बढ़ता आक्रोश जल्द ही सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी करेगा। इस मौके पर अनेक अधिवक्तागण मौजूद थे।
